Health Benefits of Turmeric Milk, Water & Powder in Hindi
हल्दी एक लाभ अनेक!
haldi powder ke fayde : भारत के हर एक घर और रसोई के लिए हल्दी (Haldi – Turmeric) ऐसे हीरो की तरह है। तकरीबन 90% भारतीय पकवानों मे इसका इस्तेमाल होता है। खाने की रंगत बढ़ानी हो अथवा स्वाद या सेहत। यहाँ तक कि भारतीय घरों मे कोई भी शुभ काम हल्दी के बिना नहीं होता। लेकिन कभी आपने यह सोचा है कि हल्दी हमारी परंपरा का इतना अहम हिस्सा क्यों है?
दरअसल हमारे पूर्वज इसके औषधीय गुणों को अच्छी तरह से पहचानते थे। और इसे हमारी परम्पराओं और लाइफस्टाइल के साथ ऐसे जोड़ दिया कि हम अनजाने मे ही हजारों गुणों की इस खान से हमेशा के लिए जुड़ गए हैं: आइए जानते है हल्दी दूध और पानी के स्वास्थ्य लाभ हिंदी में – Health Benefits of Turmeric Milk, Water & Powder in Hindi.

हल्दी पाउडर के फायदे – Haldi Powder Ke Fayde
haldi powder ke upyog हल्दी का उपयोग दक्षिण एशिया में हजारों वर्षों से इलाज के रूप करते आ रहे है। आज दुनिया भर के लोग त्वचा, पित्ताशय की थैली, पेट और गुर्दे से जुडी समस्याओं और लिवर के इलाज के लिए हल्दी को अपने आहार में शामिल कर रहे हैं।
haldi powder ke fayde हल्दी पाउडर के फायदे के बारे में बात करे तो सूजन, हृदय रोग के जोखिम को कम करना, मस्तिष्क रोग और पाचन स्वास्थ्य में सुधार अवसाद, सिरदर्द, ब्रोंकाइटिस, सर्दी, गंभीर दर्द, थकान, फेफड़ों में संक्रमण, खुजली वाली त्वचा आदि जैसी बीमारियों के लिए भी किया जाता है।
Haldi in english Meaning: हल्दी को इंग्लिश में टर्मेरिक नाम से जाना जाता है।
हल्दी एक इस्तेमाल अनेक – Turmeric is one use many
हल्दी (Turmeric) को मसाले, स्वाद, रंग, सौंदर्य प्रसाधन और दवाई के रूप में इस्तेमाल किया जाता है। यह अपने पीले रंग और स्वाद के कारण खाने की रंगत निखार देती है। जब तक दुल्हन और दूल्हे को हल्दी का उबटन न लगा दिया जाए तब तक प्री-ब्राइडल या प्री-ग्रूम मेकअप अधूरा रहता है।
हल्दी का इस्तेमाल कारखानों में बनाए जाने वाले खाद्य पदार्थों जैसे कि डिब्बाबन्द, डेयरी, बेकरी उत्पादों, आइसक्रीम, केक, योगर्ट, संतरे का जूस, बिस्कुट, पॉपकॉर्न, मिठाइयों, केक आइसिंग, सॉस, जिलेटिन और सौंदर्य उत्पादों में भी किया जाता है।
इंडिया की हल्दी है वर्ल्ड मे बेस्ट – India’s Turmeric is the Best in the World
दुनिया भर में उगाई जाने वाली हल्दी का अधिकतर हिस्सा भारत में ही पैदा होता है और इसकी कुल खपत का 80% भारत में ही लग जाता है। जो भारत में इस सुनहरे मसाले की खपत और उपयोग को जिसमें जड़ी-बूटी के गुण भी हैं, स्वयं ही सिद्ध कर देता है।
इसके अनुवांशिक गुणों और महत्वपूर्ण जैव सक्रिय यौगिक करक्यूमिन के कारण भारतीय हल्दी को दुनिया की सबसे अच्छी हल्दी (Turmeric) माना जाता है। तमिलनाडु का शहर इरोड़ हल्दी का सबसे बड़ा उत्पादक और महत्वपूर्ण व्यापारिक केंद्र है।
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अमेरिकी कंपनी ने की पेटेंट करने की कोशिश – American Company Tried to Patent
वर्ष २०१३ में पोरिओसिस और गैस्ट्राइटिस का उपचार करने वाले हल्दी, सेब और तुलसी के संयोजकों को अमरीकी बहुराष्ट्रीय कम्पनी द्वारा पेटेंट कराने के प्रयास को भारत सरकार ने विफल कर दिया। भारत की काउंसिल ऑफ साइंटिफिक एंड इंडस्ट्रियल रिसर्च (Council of Scientific and Industrial Research) ने भारत में इसके संदर्भ में 18वीं से 20वीं शताब्दी के दौरान संदर्भ पुस्तकों के तथ्यों को प्रस्तुत किया।
आयुर्वेद में हल्दी का उपयोग – Use of Turmeric in Ayurveda
आयुर्वेद में हल्दी का उपयोग शरीर को बाहरी और आंतरिक रूप से साफ करने के लिए जाना जाता है। आयुर्वेद की शब्दावली में हल्दी के कुछ लाभ (Benefits of Turmeric) इस प्रकार हैंः
न्यूरोलॉजिकल सिस्टम हो तो ठीक करता है और कभी-कभी होने वाली बेचैनी से आराम दिलाता है।
संग्रहणी: विटामिन्स और खनिजों को सोखने में सहायक है।
अनुलोमन: अपशिष्ट और विषाक्त पदार्थों की शुद्धि और स्वस्थ रक्त बनाने में सहायक है।
रक्तस्तंभक: प्रवाही तंत्र को बेहतर करता है और स्वस्थ रखता है।
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त्वचा की देखभाल में हल्दी की भूमिका – Role of Turmeric for Skin Care
खून को साफ करने वाले गुणों के कारण आयुर्वेद में त्वचा संबंधी विकारों के उपचार में हल्दी का उपयोग (Use of Turmeric) बढ़-चढ़ कर किया जाता रहा है। एग्जीमा, स्किन एलर्जी, अर्टिकेरिया, फंगल इंफैक्शन, घावों, डी-पिग्मेंटेशन (पपड़ी हटाना), डरमेटाइटिस, ब्लिस्टर, चकत्तों, खुजली और झाइयों जैसे त्वचा विकारों के उपचार में हल्दी बहुत ही प्रभावीव गुणकारी है।
त्वचा के बाहरी व भीतरी उपचार के लिए बनने वाली कई दवाओं में हल्दी का इस्तेमाल (Use of Turmeric in Medicines) किया जाता है। चंदन, नीम और अनन्तमूल जैसी हर्ब्स के साथ मिलकर, हल्दी लम्बे समय से चले आ रहे त्वचा विकारों में भी बहुत अच्छा असर दिखाती है।
kasturi haldi ya haldi का नियमित रूप से इस्तेमाल करते रहने पर हल्दी त्वचा की रंगत निखारती है। ऐसा हल्दी में त्वचा को साफ करने वाले गुणों के कारण होता है। इसी कारण भारत में विवाह से पहले दुल्हन और दूल्हा, दोनों के चेहरे व शरीर पर हल्दी का उबटन (Haldi Ubtan For Indian Brides) लगाया जाता है। पारंपरिक रूप से पूरे देश की महिलाओं द्वारा त्वचा की देख-भाल के लिए तैयार किए जाने वाले उबटन में भी हल्दी मुख्य घटक होती है।
हल्दी न केवल खून से अशुद्धियों को दूर करती है, बल्कि रक्त कोशिकाओं की संख्या और हीमोग्लोबिन के स्तर (Hemoglobin Level) को भी बढ़ाती है। गौमूत्र के साथ हल्दी को अनेक त्वचा विकारों के उपचार में घरेलू नुस्खे के रूप में पिलाया जाता है। नए शोध से हल्दी में एंटी-फंगल और एंटी बैक्टीरियल गुणों का भी पता चलाहै।
हल्दी के अन्य फायदे – Other Benefits of Turmeric
त्वचा की देखभाल के अलावा हल्दी (Turmeric) के कई अन्य लाभ भी हैं, इनमें से कुछ इस प्रकार हैंः
- यह अच्छी रोग प्रतिरोधक क्षमता विकसित करने में मदद करती है।
- पाचन तंत्र को स्वस्थ रखने में मदद करती है।
- हड्डियों, जोड़ों और कंकाल तंत्र को स्वस्थ रखने में सहायक।
- आपके कॉलेस्ट्रॉल स्तर को ठीक बनाए रखने में मददगार है।
- खून साफ करती है और लीवर के क्रियाशीलता को बेहतर करती है।
- विषाक्त तत्वों के पाचन में सहायक है।
- मैटाबॉलिज्म को ठीक रखती है।
- एंटी-बैक्टीरियल गुणों के कारण घावों के भरने में सहायक है।
- तीनों दोषों को शांत करती है।
हल्दी वाले दूध के फायदे – Benefits of Turmeric Milk
haldi wala doodh: सुनहरा दूध – हल्दी को दूध में मिलाने पर यह सुनहरा रंग छोड़ती है और घाव भरने वाली दवाई या शरीर के लिए टॉनिक की तरह काम करती है। इससे शरीर को अनेक लाभ प्राप्त होते हैं।
haldi wala doodh शरीर को रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए और खांसी, जोड़ों के दर्द, बदन दर्द आदि से बचाव के लिए इस दूध को नियमित रूप से पिया जा सकता है।
हल्दी के हैं कई नाम – Turmeric Has Many Names
लैटिन नाम : करकुमा लौंगा (Curcuma longa)
अंग्रेजीनाम : टर्मरिक (Turmeric)
हिन्दी नाम : हल्दी (Haldi)
संस्कृत : हरिद्रा
रस (स्वाद): कसाय, कड़वी
वीर्य (तासीर): गरम
विपाक (पाचन के बाद प्रभाव): कसाय
गुणः हल्की, शुष्क, गरम
दोषों पर प्रभावः कफ और पित्त दोष को शांत करने वाला